योगदान देने वाला व्यक्ति

30 सितंबर 2013

मलाल

"अभी दो मिनट्स भी नही हुए थे और तुम फिर वापिस लौट आये कितनी बार कहा टिक कर पढ़ा करो 

चेतन ! जमाना देखा हैं कितना तेज दौड़ रहा हैं एक तुम हो ऐसे कैसे चलेगा तुम्हारा बड़ा भाई अमेरिका में 

पढ़ रहा हैं और कल डॉलर्स मैं कमाएगा यहाँ तुमको १० वी पास करने में पसीने छूट रहे हैं , कैसे चलेगा ऐसे

 !! कोई तुलना नही कर रहे हम व्यवाहरिकता बता रहे हैं इस लायक तो बनो कि कल उसके सामने हाथ न 

फैलाना पढ़े तुमको और तुम्हारी पत्नी आकर हमें कोसे कि एक बच्चे को पढ़ाया अमरीका में और दुसरे को 

?? तब कौन मानेगा त्तुम ही पढ़ाई से जी चुराते रहे थे "


कहते कहते सुनील की आवाज भरभरा उठी . आँखे अपने पिता की तस्वीर को देखने लगी इतिहास दोहरा

 रहा था खुद को .जहाँ आज चेतन खड़ा हैं कभी वोह वहां खड़ा था और भाई के दिए पैसे के बलबूते पर आज

बिज़नस चला रहा था .

मलाल हैं कि खुद कुछ करके न दिखा सका और उम्र भर वोह इज्ज़त भी ना पा सका भाई की नजरो में जिसकी उम्मीद उसके माता -पिता करते थे .... नीलिमा

23 सितंबर 2013

पूत के पांव

":अबे !!! यो जगह मेरी !! 
मैं बठुगा यहाँ !! 
मेरे बापू ने कहा था सिब से आगे बैठियो ,
म्हारे दादे की जमीन पे स्कूल चले हैं !! वरना देख ले तेरा क्या होगा !! "
१५ साल के धीरज ने बस्ता रखते हुए अविनाश को लगभग धकियाते हुए कहा और इस अचानक धक्केसे
वोह गिर पढ़ा उसका सर पीछे वाली मेज के कोने से लगा और सर से खून बहने लगा .. सब बच्चे घबरा गये धीरज ने सबको धमकी दी के
" गर किसे ने भी म्हारा नाम लिया तो स्कूल के बहार सबको पिट दूंगा "!!
क्लास का दबंग बच्चा और सब चुपचाप बैठ गये अविनाश का रोना जोरो से चालू था तभी कक्षा में अध्यापिका ने प्रवेश किया और अविनाश को जोर से डांट ते हुए बोली चलो चुपचाप अपनी सीट पर .....और जब उसके सर पर बहता खून देखा तो अध्यापिका भी घबरा गयी एक दम से बोली यह क्या हुआ इसके पहले की सब बच्चे कुछ बोलते धीरज बोला मिस यह उधम मचा रहा था खुद गिरा और नाम मेरा लगा रहा हैं ... तभी पल्लवी ने कहा नही टीचर यह धीरज की गलती हैं ." साली बाहर निकल तब बताउंगा !!! स्कूल से नाम न कटा दिया तो देखना .!! कहते हुए धीरज नेपल्लवी के बाल पकड़ लिए !! बीच बचाव में बड़ी मुश्किल से अध्यापिका को पल्लवी को अलग किया और जब धीरज को समझाने के लिय आगे बढ़ी तो वोह अंगुली देखाते हुए बोला ओ टीचर फालतू मत बोल !! अभी ज्वाइन किया न स्कूल !!! अध्यापिका सोचने लगी धीरज की धमकी के बारे में उसके संस्कारों के बारे .............और अपनी नौकरी के बारे में ........

पूत के पांव पालने में दिखाए दे रहे थे

नीलिमा शर्मा

18 सितंबर 2013

यार क्या आइटम हैं

"सारी उम्र बीत गयी रे छोर्री!! "
"नु ही साड़ी पहनते हुए . इब इस उम्र में क्या सूट पहनूगी ! यह सुथ्हन वाले सूट ब्याह के बाद कोणी पहरे जावे म्हारी बिरादरी में!!
 ."ब्याह के बाद छोरी की चाहे जित्ती भी उम्र हॉवे उसे साडी ही पहननी हॉवे . और सर पर पल्लू उतरने न पावे तो तू चाहवे के इब मैं सलवार सूट पहर लू ..न मेरे से कोनि हॉवे येह, जा मैं कमरे से बाहर ही ना निक्लुगी इब "
 कहते कहते मिथलेश ने अपनी साड़ी को और कसकर लपेट लिया अपने बदन पर 
यह आजकल की बहुए  न हमने इनके एतराज किया इनका दूसरी जात के होने पर न हमने इनको टोका कि यह न पहनो वोह न पहनो जो यह शहर आकर बेशरम सी घूमती रवे बिना पल्लू के कही बांह नंगी तो कही टांग .. तुमको कह दिया कि जो मर्ज़ी करो 
पर अब हमपर भी ज़बरदस्ती कि अम्मा सीधे पल्ले की साड़ी न पहनो अम्मा सर पर पल्लू न रखा करो हमारे दोस्तों के सामने . अब यह सलवार सूट की जिद !! मुझे अब नही रहना इनके घर एक तो पहले ही महरी और मिसराइन का काम सौप रखा हैं उस पर अब नयी जिद !१ इस से भली तो अपने गांव में थी .... बुदबुदाती  हुयी मिथलेश  घंटो तक बिस्तर पर पढ़ी रही उदास सी .
                                                                          जब   पानी पीने रसोई की तरफ बढ़ी तो बहु की सहेलियों की हंसी सुनाई दी "
यार क्या आइटम हैं तेरी सास कसम से ..""


"..................नीलिमा शर्मा ...........

3 सितंबर 2013

निवेश किसका?

एक लघु कथा

" सुणो जी आज दफ्तरों सीधा मेरे कमरे विच आणा . ए की गल्ल होई सीधा माँ दे कोल !!"
"मर जाणिये"
" जे अज मैं अप्नी माँ नु पूच्दा हाँ ते कल तेरे वि बच्चे तेन्नु पूछन गे !! इन्वेस्मेंट हमेशा पैसे दा नि करीदा !! "
जा बीजी वास्ते वी चाह बना लेया
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ हिंदी अनुवाद ...

." सुनो जी आज दफ्तर से सीधा मेरे कमरे में आना १ यह क्या बात हुयी सीधा माँ के कमरे मैं जाते हैं आप '
' मेरी प्यारी अगर आज मैं अपनी माँ को पूछता हूँ तो कल तेरे बच्चे भी तभी तो तुझे पूछेंगे न , निवेश हमेशा पैसे का नही किया जाता ......
जाओ माँ के लिय भी चाय बना लेना ".नीलिमा

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~Roman.........
" Suno ji ! Aaaj Office se seedha Mere Room Mai Aana . Yeh Kya Bat Huyi K Aap Seedha Maan ji K Room Mai Chale Jaate Ho !! "
"My Darling " Aaj Agar Mai Apni Maan KO Poochta Hun Tabhi Kal Tere Bachhe Bhi Tujhe Poochenge Na ! Investment Hamesha Money Ka Nhi Kiya Jata , "
Jao Maa K Liy Bhi Chay Bana Lena .


नीलिमा शर्मा

1 सितंबर 2013

बोल भी इब !!!"

 सुनसान भोपा रोड पर लड़के ने हाथ से लड़की की चलती  सायकिल  रोक ली

"ए  छोरी !! माण  ले म्हारी  बात . एक भी लुगाई ना  मेरे घर  में ... माँ को गुज़रे  एक बरस हो लिया . तेरे आने से उजाला हो जावेगा
 रोटी भी गरम मिलन लगेगी  सबको ... तन्ने सब सुख दूंगा कपडा गहना सब ...  यो मत समझ  की मैं आवारा छोरा  और तेरे पीछे  प्रेम की खातिर भाग रा  मेरे तो इब्बी  पढने के दिन  ..बस बापू /भाई को रोटी मिलती रवे टेम  से तो मैं बेफिक्र होके सहर जाऊ पढने ..बोल भी इब "

"तो  सुन मेरी भी बात  मेरे बापू को मरे ५ साल हो लिय अपने बापू को भेज मेरी माँ    पे चादर डाल  दे ....उन दोनों का बुडापा  भी कटेगा और थारे घर गरम रोटी भी पकेगी . और मैं भी आ जाओंगी  थारे घर .. थारी बहन बनके  राखी पर दे दियो  यो कपडे गहने सब .......

बोल भी इब !!!"

सुनसान सड़क पर अब लड़की अकेली खड़ी  थी ..................