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24 जुलाई 2014

शांत / चुप्पी

":एक बार बोल रह कर तो देखो !! "
"मैं चुप ही रहती हूँ हमेशा !! "
"मौन की भाषा में लफ्ज़ कहना तुमको बाखूबी आता हैं .तुम्हारी आँखे बोलती हैं तुम्हारी मुद्राए बोलती हैं बस तुम चुप रहती हो ! "
 " उफ़ कभी तो लफ्जों से कुछ कहो कोई शिकायत ही कर दो  कोई डिमांड ही कर दो "
 "ऐसे कैसे जिन्दगी  कटेगी हमारी भविष्य में "
आज फिर कॉफ़ी हाउस में एक मौन पसर गया मिलने पर ..
हर मसले का हल मौन नही होता 
कभी कभी शब्द भी जरुरी होते हैं ......
"चलो चलते हैं . मेट्रो आती ही होगी मुझे आज गुडगाँव जाना हैं तुम तो नॉएडा ही जाओ गी ना "

हम्म सर हिलाते दोनों चल दिए अपने अपने रस्ते पर .....
 उसे शांत लडकिया पसंद थी विवाह के लिय .................

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