." मन का कोना "
कभी दरकार रहती थी हमें एक अदद कोने की...... पूरे घर में
सिर्फ और सिर्फ अपने लिए ....
.आज घर भी वही हैं हम भी वही ........
पर कोने हमें ढूढ़ते हैं अब
Thank you very much for your valuable comments...keep in touch further....
आज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला। सचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी, बधाई स्वीकारें।
आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं। आप के अमूल्य सुझावों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है... Link : www.meripatrika.co.cc
4 टिप्पणियां:
Thank you very much for your valuable comments...keep in touch further....
आज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला।
सचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी, बधाई स्वीकारें।
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…Ravi Srivastava
great...
jaane kaisi syahi thi.. bahut khoob.. ati sundar...
hi niv
the four lines are sufficient to show the hight of your thoughts your talent sansebilty .
you are welcome to contribute the quality to blog world
welcome to my blog
wow nivi ji ... kya khoob kaha hmmm mind blowing hmmm :) lagta hai aapse bahut kuch sikhne ko milega hmm:)
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