"चलो काम ख़तम हुआ | साहेब , बीबी भी पार्टी पर जा रहे | अब घर जाकर आराम करूंगी " सोचते सोचते कांति कोठी से बाहर निकली तो तडाक तड़ाक !! चांटो की आवाज़ सुनकर उस ने पीछे पलट कर देखा और कसकर शाल लपेट ली
सिडाना साहेब पत्नी को थप्पड़ लगा रहे थे और हाथो में मुंह छुपाये उनकी बीबी खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी | ना सुन सकने वाली माँ - बहन की हर गाली इस वक़्त सड़क पर गूँज रही थी |और इंसानियत शर्मिंदा हो रही थी | कसूर इतना था कि बीबी जी इवनिंग गाउन पर ठण्ड से बचने को शाल पहन कर आगयी थी |
छोटे शहर की थी ना उसकी तरह
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