चूड़ियाँ कितनी पसंद थी उसको , हर साड़ी के साथ की मैचिंग चूडिया दिलाता था न जीतू उसको अपनी पुरानी तस्वीर देख रेणु की आँखों से आंसू बहने लगे |दो बरस हो गये जीतू को इस दुनिया से गये , मायके में पहले से तंगी के हालात थे वहां लौट कर भी क्या कर लेती | दो साल से सफ़ेद चुन्नी और सूनी कलाईया उसका श्रृंगार थे , आइना देख खुद को पहचान लेना मुश्किल था , आज विदेश से छोटा देवर आया तो सास ने उसे रंगीन कपड़े पहन कर आने को कहा हैरानी से उनको देखती वो जब हल्का हरा रंग का सूट पहन बाहर आई तो देवर ने उसे कांच की रं गीन चूड़ियाँ पहनाते हुए कहा आज से आप मेरे नाम की रंगीन चूड़ियाँ पहनेगी , ख़तम हुआ सफ़ेद रंग का व्रत आपके जीवन का | हैरानी से वोह कलाई उठाये अपनी चूड़ियाँ देखती रह गयी और आंसू पलकों पर इक झालर की तरह चमकने लगे तभी सास बोली स्माइल तो कर बहु रानी फोटो लेनी तेरी तेरे बाबा को भेजने के लिय ....................
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