योगदान देने वाला व्यक्ति

24 फ़रवरी 2015

समझ

काम वाली बाई 
"अरे तुमने फिर काम वाली बदल दी | शहर में काम वालियां मिलती कहाँ हैं और तुम हो कि नखरे करती हो | जरा एडजस्ट करना सीखो | "मौसी ने ऑफिस से आती ज्योति को टोका 
" हाँ ! मैंने फिर काम वाली बदल डाली | जब से घर में cc t v कैमरा लगाया हैं उनका सच सामने आ जाता हैं | वो बच्चे को सही से नही सम्हालती और माँ की दस आवाज़े देने पर एक बार आती | मैंने ऑफिस में अब एक महीने का नोटिस दे दिया हैं | अबसे घर और बच्चा खुद सम्हालुंगी |" मुस्कुराते हुए ज्योति बोली 
" बेवक़ूफ़ !! आजकल नौकरी आसानी से नही मिलती मत छोड़ो चार पैसे जोड़ोगी तो बच्चे के ही काम आयेंगे ना "
" मौसी ! पापा कहते थे पूत कपूत तो क्यों धन संचय , पूत सपूत तो क्यों धन संचय | सो समझ आगयी मुझे | वो दस घरो का काम कर सकती तो क्या मैं अपने ही घर का नही |"

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