सुनसान भोपा रोड पर लड़के ने हाथ से लड़की की चलती सायकिल रोक ली
"ए छोरी !! माण ले म्हारी बात . एक भी लुगाई ना मेरे घर में ... माँ को गुज़रे एक बरस हो लिया . तेरे आने से उजाला हो जावेगा
रोटी भी गरम मिलन लगेगी सबको ... तन्ने सब सुख दूंगा कपडा गहना सब ... यो मत समझ की मैं आवारा छोरा और तेरे पीछे प्रेम की खातिर भाग रा मेरे तो इब्बी पढने के दिन ..बस बापू /भाई को रोटी मिलती रवे टेम से तो मैं बेफिक्र होके सहर जाऊ पढने ..बोल भी इब "
"तो सुन मेरी भी बात मेरे बापू को मरे ५ साल हो लिय अपने बापू को भेज मेरी माँ पे चादर डाल दे ....उन दोनों का बुडापा भी कटेगा और थारे घर गरम रोटी भी पकेगी . और मैं भी आ जाओंगी थारे घर .. थारी बहन बनके राखी पर दे दियो यो कपडे गहने सब .......
बोल भी इब !!!"
सुनसान सड़क पर अब लड़की अकेली खड़ी थी ..................
"ए छोरी !! माण ले म्हारी बात . एक भी लुगाई ना मेरे घर में ... माँ को गुज़रे एक बरस हो लिया . तेरे आने से उजाला हो जावेगा
रोटी भी गरम मिलन लगेगी सबको ... तन्ने सब सुख दूंगा कपडा गहना सब ... यो मत समझ की मैं आवारा छोरा और तेरे पीछे प्रेम की खातिर भाग रा मेरे तो इब्बी पढने के दिन ..बस बापू /भाई को रोटी मिलती रवे टेम से तो मैं बेफिक्र होके सहर जाऊ पढने ..बोल भी इब "
"तो सुन मेरी भी बात मेरे बापू को मरे ५ साल हो लिय अपने बापू को भेज मेरी माँ पे चादर डाल दे ....उन दोनों का बुडापा भी कटेगा और थारे घर गरम रोटी भी पकेगी . और मैं भी आ जाओंगी थारे घर .. थारी बहन बनके राखी पर दे दियो यो कपडे गहने सब .......
बोल भी इब !!!"
सुनसान सड़क पर अब लड़की अकेली खड़ी थी ..................
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